बस पाँच मोड़, और हो गया तैयार मैं सिकंदर और यह मेरा जहाज़, फिर हर गली मेरी सल्तनत | पगडंडी संग बहती धाराओं में वह जहाँ-जहाँ बहता, मैं उसके संग…